
84 Mandir Bharmour: हिमाचल प्रदेश का छुपा हुआ मोती 84 Mandir अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। सबसे ज़्यादा प्रसिद्धि इसे 84 Mandir के कारण मिलती है, जो भक्तों और यात्रियों के लिए एक पवित्र धाम है। यहां आने वाले भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति और आध्यात्मिक शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
84 Mandir Bharmour का इतिहास
84 Mandir का इतिहास लगभग 7वीं से 10वीं शताब्दी के बीच का है जब राजा मेरु वर्मन ने इन मंदिरों का निर्माण करवाया था। ऐसा कहा जाता है कि यह 84 Mandir केवल एक ही रात में देवताओं द्वारा बनाए गए थे, जो इस स्थल को और भी रहस्यमय बनाता है।
यह स्थल भरमौर की प्राचीन संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का एक जीवित प्रतीक है। मंदिरों की मूर्तियों और स्तंभों पर की गई नक्काशी अपने आप में एक अद्भुत उदाहरण है।
84 Mandir की वास्तुकला
84 Mandir Bharmour की वास्तुकला एक अनोखा मिश्रण है जो प्राचीन नगरा शैली और लोक संस्कृति को दर्शाती है। मंदिरों की दीवारों पर बनी नक्काशी और मूर्तियां दर्शाती हैं कि यह स्थल कितना महत्वपूर्ण था।
84 Mandir का धार्मिक महत्व
यह स्थल भक्तों के लिए 84 जन्मों के पापों का नाश करता है। यहां की एक बार की पूजा भक्तों को मोक्ष प्राप्त करने में सहायक मानी जाती है। हर साल Manimahesh Yatra के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ जमा होती है।
Bharmour के प्रमुख मंदिर
- Manimahesh Mandir: भगवान शिव को समर्पित मुख्य मंदिर।
ये मंदिर अपनी अद्भुत कलाकृति और पवित्रता के लिए प्रसिद्ध है। यहां पर हर साल मणिमहेश यात्रा का आयोजन होता है, जिसमें हजारों भक्तों का संगम होता है। भक्तों का विश्वास है कि मणिमहेश कैलाश पर्वत भगवान शिव का निवास स्थल है और यहां दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- Narasimha Mandir: भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह को समर्पित।
नरसिम्हा मंदिर का वातावरण शांत और आध्यात्मिक है, जहां पर आने वाले भक्त अपनी श्रद्धा के साथ प्रार्थना करते हैं। ये मंदिर भरमौर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अवसर है, जहां हर साल अनेक भक्तों का आना होता है।
- Lakshmi Devi Mandir: देवी लक्ष्मी को समर्पित।
ये मंदिर भरमौर की प्राचीन धार्मिक विरासत का एक श्रेष्ठ उद्धार है। मंदिर की कलाकृति और शिल्पकला पुरानी हिमाचली शैली में बनी है, जिसमें लकड़ी और पत्थरों का सुंदर प्रयोग किया गया है।
- Ganesha Mandir: भगवान गणेश को समर्पित।
ये मंदिर भरमौर के चौरासी मंदिरों की प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अवसर है, जहां भक्तों को शांति और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है।
- Kartikey Mandir: भगवान कार्तिकेय को समर्पित।
कार्तिकेय मंदिर भरमौर, चंबा जिला (हिमाचल प्रदेश) के प्रसिद्ध चौरासी मंदिर समूह का एक महत्वपूर्ण मंदिर है। ये मंदिर भगवान कार्तिकेय (स्कंद देवता), जो भगवान शिव और माँ पार्वती के पुत्र और युद्ध के देवता हैं, को समर्पित हैं। भगवान कार्तिकेय को शक्ति और वीरता का प्रतीक माना जाता है।
84 Mandir Bharmour में पूजा और अनुष्ठान
- शिवलिंग अभिषेक
- भजन और कीर्तन
- उपवास और जागरण
- प्रसाद वितरण
- Manimahesh Yatra के दौरान विशेष पूजन
Bharmour पहुंचने का तरीका
भरमौर का नजदीकी रेलवे स्टेशन
सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन Pathankot है जो भरमौर से लगभग 180 किमी दूर है। वहां से आपको चंबा तक पहुंचने के लिए बस और टैक्सी सुविधा उपलब्ध है।
भरमौर तक पहुंचने के लिए बस और टैक्सी
- Pathankot से Chamba (टैक्सी या बस)
- Chamba से Bharmour (बस या टैक्सी)
भरमौर में रुकने के लिए सुविधाएं
- Bharmour Tourist Lodge
- Himgiri Guest House
- PWD विश्राम गृह
- स्थानीय धर्मशाला
84 Mandir Bharmour की रहस्यमय कहानियां
ऐसा कहा जाता है कि 84 Mandir एक ही रात में 84 सिद्ध पुरुषों द्वारा बनाए गए थे। इस स्थल से जुड़ी कहानियां भक्तों में भक्ति और श्रद्धा जगाती हैं।
एक और कथा है कि राजा मेरु वर्मन ने भक्ति और तपस्या के बल पर भगवान शिव को प्रसन्न कर इन मंदिरों का निर्माण करवाया था।
84 Mandir के लिए सबसे अच्छा समय
अप्रैल से अक्टूबर का समय यहां घूमने और पूजा पाठ के लिए सबसे बेहतर होता है।
84 Mandir के पास घूमने की जगहें
- Manimahesh Jheel
ये स्थल सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं, बाल्की प्राकृतिक सुन्दरता के लिए भी प्रसिद्द है। झील के चारों तरफ बर्फ से ढके पहाड़ों का नजारा देखने लायक होता है, जो इस जगह को और भी अद्भुत बनता है।
- Bhramani Mata Mandir
भ्रामाणी माता मंदिर भरमौर की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिसा है। ये मंदिर ना सिर्फ भक्तों के लिए एक आस्था का केंद्र है, बाल्की प्रकृति प्रेमी यात्रियों के लिए भी एक सुंदर घूमने की जगह है। यहां का शांति वातावरण और देवी मां की कृपा भक्तों को एक अदभुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है।
- Chaurasi ka Maidan
चौरासी का मैदान के आस-पास पहाड़ों और देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है, जो यहां के शांत और आध्यात्मिक महल को और भी सुंदर बनाता है। यहां से भरमौर घाटी और दूर तक फैली हुई पहाड़ों का नजारा बहुत ही मनमोहक लगता है।
फोटोग्राफी और व्लॉग प्रेमियों के लिए स्वर्ग
84 Mandir Bharmour सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि फोटोग्राफी और व्लॉगिंग के लिए भी एक बेहतरीन जगह है। यहां के प्राचीन मंदिर और प्राकृतिक दृश्य आपके Instagram और YouTube व्लॉग्स को एक अलग ही आकर्षण देते हैं।
निष्कर्ष – चौरासी मंदिर भरमौर
हिमाचल प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिसा है। ये मंदिर समूह 84 प्राचीन मंदिरों से मिलकर बना है, जो भरमौर की पवित्रता और आस्था का प्रतीक है। हर मंदिर अपने आप में एक अलग इतिहास और महत्व रखता है, जिसके प्रमुख रूप से मणिमहेश मंदिर, गणेश मंदिर, लक्ष्मी देवी मंदिर, नरसिम्हा मंदिर और कार्तिकेय मंदिर शामिल हैं।
84 Mandir Bharmour स्थान केवल भक्ति और धार्मिक महत्व से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि यहां की प्राचीन शिल्पकला और शांत वातावरण भी यात्रियों को आकर्षित करता है। चौरासी का मैदान के बीच स्थित ये मंदिर समूह भरमौर की धार्मिक परंपरा का एक जीवित प्रतीक है।
भक्तों का विश्वास है कि यहां प्रार्थना और पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। ये स्थल एक आध्यात्मिक यात्रा का सुंदर अनुभव प्रदान करता है, जहां धार्मिक आस्था और प्रकृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
यहां एक बार जरूर घूमना चाहिए, क्योंकि यहां की यात्रा आपके मन में है, शरीर और आत्मा को शुद्ध और शांत करती है।
चौरासी मंदिर भरमौर– अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. चौरासी मंदिर भरमौर कहाँ स्थित है?
चौरासी मंदिर भरमौर, हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में स्थित है, जो भरमौर नगर के बीच चौरासी का मैदान में स्थित है।
2. चौरासी मंदिर का धार्मिक महत्व क्या है?
ये मंदिर 84 सिद्धों की तपस्या स्थली मन जाता है, जिन्होनें यहां भगवान शिव की उपासना की थी। हर मंदिर अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित है, जिसमें मणिमहेश मंदिर और गणेश मंदिर प्रमुख हैं।
3. चौरासी मंदिर भरमौर जाने का सही समय कौन सा है?
मई से अक्टूबर का समय चौरासी मंदिर घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है। इस समय मौसम सुहाना होता है और मणिमहेश यात्रा के दौरान यहां अधिक दर्द होता है।
4. चौरासी मंदिरों में कौन-कौन से प्रसिद्ध मंदिर हैं?
चौरासी मंदिर समूह में मणिमहेश मंदिर, गणेश मंदिर, लक्ष्मी देवी मंदिर, नरसिम्हा मंदिर और कार्तिकेय मंदिर प्रमुख हैं।
5. यहां कैसे पूछा जा सकता है?
भरमौर चम्बा से लगभाग 65 किलोमीटर दूर है। चम्बा से भरमौर के लिए सड़क मार्ग से बस और टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है। नजदी का रेलवे स्टेशन पठानकोट और नजदी का हवाई अड्डा गग्गल हवाई अड्डा, कांगड़ा है।
6. चौरासी मंदिर की यात्रा में क्या ध्यान देना चाहिए?
पवित्र स्थल पर शांति और पवित्रता बनायें रखें।
पर्यावरण को साफ और स्वच्छ रखें।
मंदिरों में फोटोग्राफी से पहले अनुमति लें।
गरम कपड़े और औसत चीज़ साथ ले जाएं, क्योंकि यहां मौसम ठंडा रहता है।
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